वीपीआई के प्रशिक्षण शिविर का समापन
न्यू बंगाईगांव, 29 मई ( वि.सं. )। वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल ( वीपीआई ) का न्यू बंगाईगांव में चल रहे प्रशिक्षण शिविर का कल देर रात समापन हो गया। प्रशिक्षण के अंतिम दिन पार्टी के पदाधिकारियों में गंभीर आक्रोश देखा गया। कारण यह था कि भरत गांधी पर लगातार हुए हमलों के कारण उनको सन् 2015 से पुलिस सुरक्षा प्राप्त थी। लेकिन उनके लिए पुलिस सुरक्षा न्यू बंगाईगांव में दिखाई नहीं पड़ी। जब प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन भी पुलिस सुरक्षा बहाल नहीं की गई, तो पार्टी पदाधिकारियों का गुस्सा पुलिस प्रशासन पर फूट पड़ा और प्रशिक्षण शिविर में शामिल 500 पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने के लिए प्रशिक्षण शिविर से एसपी कार्यालय तक मार्च करने का फैसला किया। किंतु पुलिस ने बीच- बचाव किया और एसपी ने पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बुलाया और अपने स्तर से जो भी संभव है पूरा करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने असम के पुलिस महानिदेशक के नाम पुलिस अधीक्षक न्यू बंगाईगांव के माध्यम से श्री गांधी की पुलिस सुरक्षा बहाल करने के बारे में और तमाम जनपदों में पार्टी पदाधिकारियों पर हुए हमलों पर कानूनी कार्यवाही करने के मामले में ज्ञापन भेजा।
समापन सत्र से पहले श्री गांधी ने पार्टी पदाधिकारियों को मजबूर लोगों को न्याय दिलाने के लिए, अपने व अपने परिवार की आत्मरक्षा के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सूचना के अधिकार का उपयोग करना सिखाया। उन्होंने कहा कि दुनिया विनाश कगार पर खड़ी है। प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में पार्टी के विचारों से प्रभावित विद्यार्थियों का एक संगठन बनाने पर लंबी परिचर्चा की। बाद में वोटिंग के बाद यह तय किया गया कि पार्टी से संबद्ध विद्यार्थी संगठन का नाम होगा- ग्लोबल स्टूडेंट यूनियन। संक्षेप में इसे कहा जाएगा- जीएसयू। इसके पहले वीपीआई स्टूडेंट यूनियन और इंटरनेशनल स्टूडेंट यूनियन के प्रस्ताव वोटिंग में गिर गए। अब जीएसयू के गठन का यह प्रस्ताव केंद्रीय कार्यालय को भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी के बाद विद्यार्थी संगठन की सदस्यता शुरू की जाएगी। समापन सत्र से पहले पार्टी प्रमुख श्री भरत गांधी ने पार्टी पदाधिकारियों को पार्टी की विदेश नीति के संबंध में प्रशिक्षित किया। परमाणु बम के खतरों से लोगों को परिचित कराते हुए श्री गांधी ने कहा कि परमाणु बम से किसी की सुरक्षा नहीं होती, अपितु दुनिया की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। उन्होंने कहा कि अगर यह मान लिया जाए कि देश की सुरक्षा के लिए परमाणु बम जरूरी है तो दुनिया के जितने देशों के पास परमाणु बम नहीं है उनको परमाणु बम देना जरूरी हो जाएगा। क्योंकि किसी भी देश को असुरक्षित क्यों छोड़ा जाना चाहिए। श्री गांधी ने कहा कि या तो दुनिया के हर देश को परमाणु बम मुहैया कराया जाए या फिर दुनिया के हर देश से परमाणु बम समाप्त किया जाए। श्री गांधी ने कहा कि नई संचार व प्रौद्योगिकी के इस युग में विदेश नीति के सारे सिद्धांत और राजनीति शास्त्र के पुराने सिद्धांत नए सिरे से गढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नए सिद्धांतों की रचना करने के लिए उन्हें दर्जनों पुस्तकें लिखनी पड़ीं। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने की मजबूरी में दुनिया के हर देश को अपने – अपने देश में गरीबी और बेरोजगारी बनाकर रखनी पड़ती है इसलिए इन समस्याओं से पीड़ित दुनिया भर के लोगों को एकजुट होना पड़ेगा और एक नई विश्व व्यवस्था की इमारत अपने हाथों बनानी होगी। उन्होंने कहा कि वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल यही काम कर रही है।