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ग्राम प्रधानों व सभासदों को मिले पीएम चुनने का अधिकार

देश के पौने चार लाख प्रधान जो मोबाइल के जरिये चुन सकते देश का मुखिया
देश की व्यवस्था ठीक करने की मुहिम चला रहा है राजनीति सुधारो अभियान नामक संगठन
सरकार देश के हर वोटर को 1750 रुपया वोटर पेंशन दे

राष्ट्रीय सहारा, कानपुर. सोमवार. 1 अप्रैल 2013 दिबियापुर ( एसएनबी )। विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश का मुखिया चुनने का अधिकार जब तक देश के पौने चार लाख ग्राम प्रधानों को नहीं मिलेगा तब तक सही रुप में इस देश में लोक तंत्र जमीन पर नहीं उतर पायेगा। आर्थिक विषमता के चलते शहरी विकास पर सरकार ज्यादा बजट खर्च करती है जबकि गांव के विकास पर नाम मात्र का पैसा खर्चा हो रहा है जिससे गांवों का विकास नहीं हो पा रहा है। जब देश का प्रधान मंत्री चुनने का अधिकार गांव के प्रधानों को होगा तो उन्हें विकास के लिये सीधा पैसा मिलेगा और गांव के विकास संभव होगा। उक्त विचार रविवार को नगर की मंडी समिति में जनपद औरैया के ग्राम प्रधानों के सम्मेलन को संबोधित करते हुये राजनीति सुधारों अभियान प्रमुख भरत गांधी ने ब्यक्त किये गांधी ने कहा कि देश का प्रधान मंत्री चुनने का अधिकार गांव के प्रधानों व नगर के सभासदों को होना चाहिये उन्होंने कहा कि इस विशालकाय लोक तांत्रिक देश का प्रधान मंत्री महज चार सौ लोग चुनते हैं। जबकि इस देश में 72 करोड 40 लाख मतदाता हैं। अमेरिका में देश का मतदाता अपने देश के राष्ट्रपति को चुनता है। हमारे देश में मात्र चार सौ लोग देश के प्रधान मंत्री का चयन करते हैं। जिससे व्यवस्था पूरी तरह से फेल रहती है। प्रधानों को ही देश का प्रधान मंत्री चुने जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि गांव के प्रधान को सीधे जनता चुनती है जबकि राजनैतिक दलों के लोग तो हवा से चुने जाते हैं। कभी इस पार्टी की हवा तो कभी उस पार्टी की हवा बहती है। इसलिये इसका अधिकार देश के पौने चार लाख ग्राम प्रधानों को मिलना चाहिये। गांधी ने कहा कि देश का आर्थिक बजट 20 लाख करोड रुपया मात्र चार सौ लोगों के द्वारा चुना गया प्रधान मंत्री खर्च करेगा, तो लोकतंत्र कैसे असली धरातल पर उतरेगा। उन्होने कहा कि देश में भारी आर्थिक विषमता फैली। है अकेले दिल्ली में 150 फ्लाई ओवर बन चुके हैं और आगे बनने के लिये बजट पास हो चुका है। दिल्ली में रेल मैट्रो सरकार ने महज 26 किमी बनाने का लक्ष्य रखा था लेकिन अब तक सवा सौ किमी बन चुकी है। जबकि शहर जाम की समस्या कहीं से भी हल होती नहीं दिख रही है। देश में मंहगाई का एक सबसे बड़ा कारण रेल मैट्रो भी जिससे देश में होने वाले सरिया व सीमेन्ट के सारे उत्पादन को खरीदने का वादा कर दिया है। जिससे अन्य लोगों को यह विल्डंग मैटीरियल मंहगे दामों पर मिल रहा है। सरकार जनता के पैसा को बेवजह बर्बाद कर रही है। मुंबई में उसने समुद्र के ऊपर 80 किमी पुल बनाया है जिसकी कीमत में देश में लगभग 400 फ्लाई ओवर बन सकते थे। उन्होंने कहा कि देश के नेता या जनप्रतिधि नहीं खराब हैं, देश की व्यवस्था खराब है। हमें व्यवस्था को बदलना पडेगा।

उन्होंने कहा कि एक लोक सभा के चुनाव में लगभग 10 करोड रुपये का खर्चा आता है भला अब नेता क्या करेगा। जबकि हर पार्टी का उम्मीदवार इस तरह से खर्च करेगा जबकि जीतकर संसद एक ही व्यक्ति जायेगा। इसलिये ये सब करना देश के नेताओं की मजबूरी है। इस व्यवस्था को बदलने के लिये राजनीति सुधार अभियान एक गैर राजनैतिक संगठन के रुप में चलाया जा रहा है। जिसमें हर लोक सभा से 30 लोगों को चुना जायेगा जो क्षेत्र चुने गये सांसद के कार्यों पर नजर रखेगा और उसके द्वारा जनता की अपेक्षाओं के अनुरुप कार्य न करने पर उसके विरुद्ध लोक सभा क्षेत्र के दो तिहाई प्रधानों द्वारा अविश्वाश प्रस्ताव लाने पर उसे दोबारा चुनाव लड़ने को मजबूर किया जाना चाहिये। वहीं संगठन वोटर लाओ गरीबी हटाओ अभयान के तहत सरकार से मांग की थी कि जिस वोटर के वोट से वे सरकार में आते हैं। और बडे बडे मंत्री व प्रधान मंत्री का पद पाकर आराम व सुख का जीवन जीते हैं उन्हें भी 1750 रुपया मासिक वोटर पेंशन के रुप दी जाय। उनकी मांग पर 137 सांसदों की विशेषज्ञ गोयल समिति ने वोटर शिप की मांग को संवैधानिक व्यवहारिक और संभव कह दिया तो सरकार वोटर शिप देने में क्यों आना कानी कर रही है। गांधी ने कहा कि उनके संगठन के द्वारा सरकार से अनुमति लेकर कुछ रुपये छपवाये गये हैं जो गांव में व्यवहार में लाये जायेंगे। सरकार आने पर डालर के रुप में उनका भुगतान किया जायेगा। यही नहीं आगे बहुत जल्दी ऐसा समय आयेगा जब गरीब लोग आपस में इसे प्रचलन में लायेगें। इसलिये जब देश के गांव के प्रधानों को देश का मुखिया चुनने का मौका मिलेगा तो निशिचित ही 100 प्रतिशत पैसा सीधा गांव में आयेगा। जिससे गांव का विकास संभव होगा। उन्होने कहा जब रेल की टिकट मोबाइल के जरिये बैंक में पैसा मोबाइल के जरिये तो देश का मुखिया चुनने के लिये मोबाइल का प्रयोग क्यों नहीं कर सकते हैं। सरकार एको सरकारी सिम के युक्त एक एक मोबाइल हर गांव के प्रधान को देना चाहिये जिससे वे देश की सरकार से सीधे जुड सकें। सभा को पूर्व विधायक मोहर सिंह अम्बाडी, महिला मोर्चा इटावा की अधयक्षा गीतांजलि राजपूत, संगठन के प्रातीय महामंत्री राम सिंह लोधी, पाती राम कमल, योगश तिवारी, रितेश गौतम राम नरेश बघेल, जितेन्द्र खन्ना भी संबोधित किया। सभा का संचालन महेश पांडेय ने किया जबकि अध्यक्षता लज्जा राम यादव ने की।