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ग्राम प्रधानों को को दें प्रधानमंत्री के चुनाव का अधिकार

न्यू बंगाईगांव , 28 मई ( वि.सं. )। तेरापंथ सभागार बंगाईगांव में वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करते हुए पार्टी के प्रमुख भरत गांधी ने आज एक ऐसी बात कही , जिसने लोगों को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ से 50 करोड़ तक खर्च करने वाला व्यक्ति ही अब सांसद बन सकता है। साइकिल और मोटरसाइकिल पर चलने वाले देश के 90{228f652ac8c767988512eb62d6dc0efc58155fbe040eb47630bcd0a016cf0d1d} लोगों के लिए संसद के दरवाजे बंद हो चुके हैं। देश की इतनी बड़ी आबादी प्रतिनिधित्व विहीन हो गई है , बेसंसद और बेसरकार हो गई है। इनकी हाल खबर लेने वाला अब कोई बचा नहीं है। राजनीतिक मामलों के जानकार भरत गांधी ने कहा कि ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो गया है कि प्रधानमंत्री के चुनाव नियमों पर पुनर्विचार किया जाए जिससे कि जनप्रतिनिधित्व और लोकतंत्र पुनः स्थापित किया जा सके। श्री गांधी ने कहा कि जिस परिस्थिति से हमारा देश गुजर रहा है उसमें आवश्यक हो गया है कि लोकतंत्र से लोगों का विश्वास उठने न पाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी हो गया है कि प्रधानमंत्री का चुनाव करने का अधिकार सांसदों से वापस लेकर देश के तीन लाख गांव प्रधानों को दे दिया जाए। वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल ( वीपीआई) के नीति निर्देशक ने कहा कि ऐसा करने से प्रधानमंत्री का पद अधिक लोकतांत्रिक हो जाएगा और प्रधानमंत्री की चिंता सीधे गांवों से जुड़ जाएगी और देश के नए प्रधानमंत्री को देश का खजाना खर्च करते वक्त देश की 90 {228f652ac8c767988512eb62d6dc0efc58155fbe040eb47630bcd0a016cf0d1d} आबादी का ध्यान रखना मजबूरी हो जाएगी। श्री गांधी ने इस व्यवस्था के फायदों को गिनाते हुए कहा कि इससे जहां भौगोलिक न्याय मिलेगा , वही गांवों का विकास होगा और गांव रहने लायक बन जाएंगे तो शहरों की तरफ पलायन रुक जाएगा। उन्होंने कहा कि शहरों की भीड़ कम होने से शहरों का जीवन भी बेहतर हो जाएगा। राजनीतिक व्यवस्था के सुधार पर दर्जनों पुस्तकों के लेखक भरत गांधी ने कहा कि संसदीय प्रणाली के दोषों को भारत 70 सालों से देख रहा है और अध्यक्षीय प्रणाली की कमजोरियां अमरीकी शासन – प्रशासन में साफ दिखाई दे रही है , जहां सबकुछ धनवानों के हाथ में चला गया है। श्री गांधी ने कहा कि भारत का रास्ता इन दोनों के बीच से होकर गुजरता है। जाने – माने राजनीति सुधारक भरत गांधी ने कहा कि न तो अध्यक्षीय प्रणाली ठीक है और न ही संसदीय प्रणाली। श्री गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के चुनाव का अधिकार गांव के प्रधानों को दे दिया जाता है तो यह मध्यम मार्ग होगा और इस मार्ग से भारत के लोगों का अधिकतम कल्याण संभव है। उन्होंने सरकार से अपील की कि देश के संविधान में संशोधन करने का काम तत्काल शुरू किया जाए। उन्होंने वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह गांव – गांव जाकर लोगों को वर्तमान चुनाव प्रणाली के खतरनाक परिणामों को बताएं और लोगों को इस राजनीतिक व्यवस्था की सविनय अवज्ञा करना सिखाएं।

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