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भरत गांधी की पुलिस सुरक्षा कम करने के खिलाफ प्रदर्शन

protest against wipe of bharat gandhi securityनिज संवाददाता, बंगाईगांव, 18 जून : वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल (वीपीआई) के प्रमुख भरत गांधी को सन 2015 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर असम में पुलिस सुरक्षा दी गई थी। पार्टी के असम के कार्यकताओं को आशंका है कि अब दो साल बाद श्री गांधी की पुलिस सुरक्षा को जानबूझकर असम के एडीजी सुरक्षा ने कम कर दिया है, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ गया है। श्री गांधी की सुरक्षा कम किए जाने से पार्टी के कार्यकर्ताओं में गंभीर आक्रोश है और उनका मानना है कि प्रदेश में विकास में भागीदारी देने के लिए जो वोटरशिप अधिकार का आंदोलन चल रहा है, इस आंदोलन को रोकने के लिए एडीजी सुरक्षा ने प्रदेश के अपराधियों और वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल राजनीतिक नुकसान महसूस कर रहे राजनेताओं के बीच सांठगांठ कर लिया है और इसीलिए पार्टी प्रमुख भरत गांधी की सुरक्षा को घटाया गया है। गत 28 मई को पार्टी की प्रदेश कमेटी ने पुलिस महानिदेशक को एक ज्ञापन भेजा था किंतु उस पर कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है और पुलिस सुरक्षा बढ़ाए जाने की कोई जानकारी सरकारी मशीनरी की ओर नहीं दी गई है। इसी के विरोध में आज न्यू बंगाईगांव में वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल (वीपीआई) के हजारों कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय जुलूस की शक्ल में पहुंचे और मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन दिया। जिस में मुख्य रूप से मांग की गई है कि श्री भरत गांधी की पुलिस सुरक्षा उनकी जान को खतरा देखते हुए बढ़ाया जाए और वोटरशिप का प्रस्ताव असम विधान सभा से पारित करके केंद्र सरकार को भेजा जाए। ज्ञापन में पार्टी कार्यकताओं खिलाफ हुए संगठित आपराधिक गिरोहों द्वारा प्रदेशव्यापी अपराधों में जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच को निर्देशित करने की मांग की गई है। प्रदर्शन में पार्टी के प्रदेश कमेटी के विपुल नर्ज़री, मानुमती बसुमतारी मेघनाथ बासुमतारी तथा पार्टी के जिला और ब्लॉक कमेटियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। प्रदेश कमेटी के सदस्य विपुल नजारी ने बताया है कि अगर सरकार ने श्री गांधी को पुलिस सुरक्षा को न बढ़ाया तो प्रदेश के हर जिले में प्रदर्शन किया जाएगा और दिल्ली के विकास करने की समर्थक और असम की जनता विकास का विरोध करने वाली भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेंकने के लिए जनता को तैयार किया जाएगा किंतु भारतीय जनता पार्टी अगर यह सोचती है श्री भरत गांधी की पुलिस सुरक्षा घटाकर वोटरशिप के आंदोलन को रोक दिया जाएगा तो यह उनकी भारी भूल होगी और भाजपा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।