-
जगाई अलख
-
राजनीति सुधारो अभियान से जुड़े विचारक भरत गांधी ने प्रधानों को पढ़ाया एकजुटता का पाठ
-
माया , मुलायम , ममता , करुणा की तरह प्रधान केंद्र की चाबी उमेठने की ताकत बनें
दिबियापुर, कानपुर सोमवार 1 अप्रैल 2013 हिन्दुस्तान | हिन्दुस्तान संवाद जाने – माने विचारक व राजनीति सुधारो अभियान के अगुवाकार भरत गांधी ने रविवार को यहां कहा कि प्रधानों को प्रधानमंत्री चुनने का अधिकार मिले तो शहरों से पिछड़े गावों सी सूरत चमक जाए । उन्होंने प्रधानों को एकजुटता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि माया , मुलायम , ममता बनर्जी व करुणानिधि की तरह केंद्र सरकार की चाबी उमेठनी की ताकत जब प्रधानों को मिलेगी तो गांवों के समुचित विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा धन केंद्र सरकार से ग्राम पंचायतों को • दिलाया जा सकेगा । उन्होंने कहा कि गावों को कम से कम 10 करोड़ रुपया सालाना विकास के लिए मिलना चाहिए । स्थानीय मंडी समिति परिसर में आयोजित कार्यक्रम में भरत गांधी ने चुटकी लेते हुए कहा कि नेताओं को गाली देने से पहले उनके दर्द को भी समझें , गाली देने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा । पिछड़ापन , गरीबी दूर वहीं होगी , यह तभी संभव है जब प्रधानों के पास प्रधानमंत्री चुनने का अधिकार होगा । उन्होंने कहा कि बड़ी पार्टियां लोकसभा चुनाव में अपने एक उम्मीदवार पर नौ से 15 करोड़ रुपए तक खर्च करती हैं , यही बजह है कि आज घोटाले कुछ एक करोड़ के नहीं बल्कि लाखों हजार करोड़ तक पहुंच गए हैं । संविधान में सुधार हो , प्रधान पीएम चुनें इसके लिए वे संविधान विशेषज्ञों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं । ऐसा होने से प्रधानमंत्री को प्रधानों के प्रति उत्तरदायी बनाया जा सकेगा , गांवों के समुचित विकास के लिए केंद्र सरकार से ज्यादा सेज्यादा धन दिलाया जा सकेगा । उन्होंने कहा कि प्रधान जागरूक हो अपनी एकजुटता का परिचय दें । पूर्व विदायक मोहर सिंह अंबाड़ी , जिला संयोजक महेश पांडेय , पूर्व प्राचार्य डा . एमपी शुक्ला , राम सिंह लोधी , लोकतंत्र रक्षक सेनानी सोबरन सिंह कुशवाहा , राजेंद्र गांधी , योगेश तिवारी , भानुप्रताप , शिवकांत दुबे , लज्जाराम वर्मा , आशाराम कठेरिया आदि ने भी विचार रखे ।