पूर्वोदय संवाददाता गुवाहाटी , 21 जून । वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल ( वीपीआई ) के मुखिया भरत गांधी की पुलिस सुरक्षा घटाने से पैदा हुई आक्रोश की आग अब पूरे प्रदेश में फैलती जा रही है । पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई जनपदों में एक साथ धरना प्रदर्शन किया है और मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्री ज्ञापन अपने अपने जनपदों के उपायुक्तों को सौंपा है । यह प्रदर्शन बंगाईगांव , उदालगुड़ी , कोकराझाड़ और लखीमपुर जनपदों में पहले ही हो चुके हैं । अब चिरांग , धुबड़ी , नगांव और मोरीगांव जनपदों में एक साथ विशाल प्रदर्शन सत्तासीन भाजपा सरकार के खिलाफ हुए उल्लेखनीय है कि यूरोप में 300 साल पहले निर्मित आम जनता के लिए दुखदाई राजनीतिक व्यवस्था को सुधारने की मुहिम चला रहे भरत गांधी को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर सन 2015 में असम सरकार ने पुलिस सुरक्षा मंजूर की थी , जिसे पिछले महीने बिना किसी सूचना के घटा दिया गया । वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ता इसे पार्टी के खिलाफ एक साजिश मान रहे हैं । उनकी आशंका है कि भाजपा सरकार भरत गांधी की सुरक्षा घटाने के बहाने वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल द्वारा चलाए जा रहे विकास में भागीदारी के आंदोलन को असम प्रदेश में रोकना चाहती है और असम के निवासियों को लगातार गरीब और गुलाम बनाए रखना चाहती है ।
गत दिनों पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ललित पेगू ने कहा था कि जब पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हर जनपद में संगठित अपराधिक गिरोहों द्वारा हमले किए जा रहे हैं , तो यह कैसे मान लिया जाए कि पुलिस सुरक्षा नहीं रहने पर भरत गांधी सुरक्षित रह पाएंगे । वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ताओं में भरत गांधी की सुरक्षा घटाए जाने से गंभीर आक्रोश है और अब यह आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है एक दो जनपदों से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब पूरे प्रदेश में फैलता जा रहा है । प्रदर्शनकारियों ने पांच सूत्री मांग पेश करते हुए कहा है कि भरत गांधी को उनके जीवन पर खतरे को देखते हुए और असम के विकास में उनकी उपयोगिता को देखते हुए कम से कम जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जाए । प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में मांग की है कि वोटरशिप का प्रस्ताव असम विधान सभा से पारित करके केंद्र सरकार को तत्काल भेजा जाए जिससे केंद्र सरकार के खजाने से असम प्रदेश के हर वोटर के खाते में हर महीने 6000 रुपए आ सके । प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की है कि पार्टी कार्यकर्ताओं पर अनेक जनपदों में हुए हमलों की जांच का मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा जाए । वोटर्स पार्टी के प्रदर्शनकारियों ने एक अजीबो – गरीब मांग भी की है , जिसमें कहा गया है कि असम बंद की मांग करने वाले संगठनों के मुखिया लोगों पर उन लोगों की हत्या का मुकदमा चलाया जाए , जिनकी मौत प्रदेश भर सड़क और रेल बंद रहने के कारण हो जाती है । पार्टी की प्रदेश कमेटी ने मांग की है कि असम विधानसभा में अलग से एक बंदरोधी कानून बनाया जाए । इस कानून के तहत उन लोगों को दंडित किया जाए जो आए दिन असम बंद का आह्वान करते हैं और असम की आम जनता को संकट में डालते हैं , इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचने में बाधा डालते हैं और लोगों की मृत्यु का कारण बनते हैं ।