जन्म लेते ही जब व्यक्ति को संपूर्ण विश्व की नागरिकता मिल जाए तो समझिए नागरिकता देने में जो पागलपन दिखाया जाता है, वह पागलपन शून्य वोल्ट का होगा। शून्य बोल्ट के पागलपन का मतलब हुआ- समझदारी।यानी कोई व्यक्ति जन्म लेता है तो केवल जन्म के आधार पर उसे संपूर्ण विश्व के नागरिकता मिलनी चाहिए। यही समझदारी है।
इंसान की लंबाई आमतौर पर 7 फुट से अधिक नहीं होती। इसलिए इंसान को रहने के उद्देश्य से जो मकान बनाया जाए, उस मकान में प्रवेश करने का दरवाजा कम से कम 7 या 8 फुट ऊंचा होना चाहिए। अगर दरवाजा 8 फुट ऊंचा हुआ तो हर व्यक्ति इस दरवाजे से प्रवेश कर सकेगा। किंतु यदि दरवाजा केवल 3 फुट ऊंचा हुआ तो केवल बौने ही प्रवेश कर पाएंगे।
आज विश्व भर में प्रचलित नागरिकता कानूनों की इमारत का दरवाजा बौनों के लिए बना है। जिस व्यक्ति की जरूरतें देश स्तर की नागरिकता से पूरी हो जाती हैं, उनके लिए नागरिकता का वर्तमान दरवाजा ठीक है। किंतु जिन लोगों की जरूरतें देश स्तर की नागरिकता से पूरी नहीं होतीं, उनके लिए नागरिकता के इमारत के दरवाजे की ऊंचाई बढ़नी ही चाहिए।
नागरिकता तय करना व्यक्ति का निजी विषय है। यह सरकार का विषय नहीं है। व्यक्ति की जरूरतों का आकलन व्यक्ति खुद कर सकता है। सरकार यह काम नहीं कर सकती। यह जिम्मेदारी सरकार ने अपने ऊपर लेकर बहुत बड़ी गलती की है। नागरिकता का भौगोलिक क्षेत्र तय करना व्यक्ति का अपना अधिकार है। यह अधिकार उसको बिना शर्त प्राप्त होना चाहिए। जिसको देश स्तर की नागरिकता चाहिए, वह आवेदन करके देश की नागरिकता प्राप्त कर लें। जिसको पड़ोसी देशों की नागरिकता भी चाहिए, वह आवेदन कर के पड़ोसी देशों की नागरिकता प्राप्त कर लें। यानी अखंड भारत की नागरिकता प्राप्त कर ले। जिसको संपूर्ण विश्व की नागरिकता चाहिए। वह आवेदन कर के संपूर्ण विश्व की नागरिकता प्राप्त कर ले।
नागरिकता की यह न्यायप्रिय परिभाषा है। इस परिभाषा से नागरिकता संबंधी तमाम विवाद समाप्त हो जाएंगे। भारत में दूसरे देशों के जो लोग आकर बस गए हैं, नागरिकता की इस परिभाषा से उन लोगों को भी नागरिकता प्राप्त हो जाएगी। यदि देश स्तर की नागरिकता प्राप्त न हुई तो दक्षिण एशियाई वतन की नागरिकता प्राप्त हो जाएगी। यानी अब वह अखंड भारत के नागरिक बन जाएंगे। उनके पलायन और विस्थापन का औचित्य समाप्त हो जाएगा। नागरिकता संबंधी विवाद घरेलू अशांति का बड़ा कारण है। इस विवाद के समाप्त होते ही अमन चैन और शांति आ जाएगी। लोगों का ध्यान और ऊर्जा उन्नति की तरफ लगेगी।