भारतीय महा गठबंधन (IGA) संविधान निर्माण हेतु प्राप्त सुझाव
मुख्य राजनैतिक मुद्दा
१. सभी राजनैतिक दलों को मौका मिल चुका है | ये सिवाए अपना पेट भरने के अलावा कुछ नहीं किये | इनके ऊपर बार बार यकीन करके अपने बच्चो के भविष्य के साथ गद्दारी मत करो |
२. संसद और विधान सभा में थैलीशाहों , अपराधियों और दलाल धनलोलुप लोगो का बहुमत है | इनका खत्मा करने के लिए भारतमाता के सच्चे खिदमतगारों एक हो जाओ , वर्ना भारत में सिर्फ गिद्ध राज करेंगे और तुम्हारे नस्ले - नौ की बोटियाँ नोचेंगे |
३. बुद्धिजीवियों , नवजवानों , किसानों और बेटियों से अपील है की वे चुपचाप न बैठे, नहीं तो पूरा देश जेलखाना और कत्लगाह बन जायेगा अभी वक़्त है, डरे मत | गिद्धराज नेता और उनके चमचे सिर्फ कागजी बाघ हैं | संघटन और वोट से इनकी हवा निकाल दें |
४. इस बार गिद्ध लोग धनबल , बाहुबल और पुलिस की लाठी का इस्तेमाल करेंगे | आप चुपचाप वोट डालना सीखो |
५. वंचित जाति के नेताओं का पालतू कुत्ते की तरह इस्तेमाल होगा | आपका वोट लूटने के लिए पद लेकर आये है जो आपका सौदा करेंगे | जब आप बर्बाद हो रहे हैं तो ये कहाँ थे ? ये अपने परिवार के लिए नोटों का पहाड़ बना रहे हैं | इनकी मीठी मीठी बातो में मत आना | सुनना सबकी और मतदान करना हमारे लिए | मौका दिया तो हम आपकी जिंदगी बदल देंगे
घोषणा - पत्र
1, जाति , वर्ण , परिवार और सम्प्रदाय की दादागिरी का खात्मा | प्रत्येक को समान मौका |
2. पुलिस , तहसील में तीन माह के अंदर घूसखोरी का खात्मा | सरकारी नौकरों को जनता का दोस्त बनाना है | कानून राज होगा |
3 नेता-पुलिस की सांठ-गाँठ समाप्त होगी3. संख्या के आधार पर सभी क्षेत्रों में कड़ी आरक्षण व्यवस्था |
4. भ्रष्टाचार ही रिश्वतखोर , मुनाफाखोर , आदमखोर व्यवस्था को जन्म देता है | यह ठीक है तो सब ठीक | हम इसे छह माह में दुरुस्त करेंगे |
5. किसानों की सारी समस्याओं का हल सिर्फ छह माह में |
6. बेरोज़गारी सिर्फ छह माह में दूर कर देंगे |
7. सरकारी कर्मचारियों की पेंशन और सुविधाओं का विस्तार, जिससे वह निश्चिंत होकर सेवा कर सकेंगे |
8. पढ़ाई लिखाई और दवा की व्यवस्था मुफ्त और सस्ती खर्चीली बीमारियों कैंसर , दुर्घटना , गुर्दा आदि का खर्चा , सब के लिए सरकार उठाएगी |
9. सस्ती , शीघ्र , प्रभावी और सुलभ न्याय व्यवस्था सब के लिए |
10. रोटी , बेटी और खेती की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है |
11. असली भारतीय संस्कृति का जनजागरण | जंगली और बर्बर परम्पराएँ राष्ट्र निर्माण में घातक हैं , इससे हम जनता को सचेत करेंगे |
12. पाकिस्तान , बांग्लादेश , नेपाल , भूटान , अफ़ग़ानिस्तान , श्रीलंका और म्यांमार की जनता का दिल जीतने के लिए नयी राष्ट्रीय नीति का निर्माण करेंगे |
13. महंगाई रोकने के लिए मूल्य नीति आयोग , मठ-मंदिरों और अन्य धर्मों की सम्पत्तियों की सुरक्षा के लिए आयोग तथा जनहित में उपयोग , भूमि , भवन , वाहन और अन्य सम्पत्तियों का जातीय आधार पर सर्वेक्षण आयोग |
14. पिछली सरकारों द्वारा किए गए फैसलों की समीक्षा | नियुक्तियों की समीक्षा और जनता की धन की बर्बादी किये जाने की जाँच |
15. पिछली सरकारों के आय व्यय के रिपोर्ट की समीक्षा |
16. समाज विरोधी तत्वों को एक साल के लिए नियमों के तहत जेल |
विस्तृत सुझाव
1. अध्यक्ष मंडल
(क) प्रत्येक पंजीकृत राजनीतिक दल का अध्यक्ष एवं अन्य उसी दल का एक पदाधिकारी।
(ख) प्रत्येक वंचित जाति का अध्यक्ष एवं अन्य उसी वर्ग का एक सदस्य ।
नियम
1- अध्यक्ष मंडल का कार्यकाल अक्षुण्ण रहेगा- उसमें लोग शामिलहोते रहेंगे।
2- (ख) के लिए वंचित जाति की आन्तरिक बैठक द्वारा अपने संगठनसे वांछित व्यक्तियों (अध्यक्ष आदि) का चयन करके अपने पैड परनाम प्रस्तुत करेंगी।.
2 संयुक्त मोर्चे का गठन
1. अध्यक्ष मोर्चा- अध्यक्ष मण्डल के सदस्य मिलकर संयुक्त मोर्चे के अध्यक्षका चयन सर्व सहमति/चुनाव द्वारा करेंगें। कार्यकाल- अध्यक्ष संयुक्त मोर्चाकाकार्यकाल एक वर्ष का होगा।
2. सर्व सहमति/चुनाव से इसका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया जासकता है।
3. इसके पश्चात एक ही जाति के व्यक्ति को तीसरी बार अवसर नहींमिलेगा यदि उसका दूसरा कार्यकाल पूरा किया गया है। यदि कार्यकालनहीं बढ़ाया गया है तो एक वर्ष बाद ही दूसरा अध्यक्ष होगा लेकिन भिन्नजाति का। यह रोटेशन चलता रहेगा।
4. अपने निर्णयों के लिए अध्यक्ष मोर्चा, अध्यक्ष मंडल से स्वीकृति लेतारहेगा। वह अध्यक्ष मंडल के संकल्पों का पालन करेगा।
5. अध्यक्ष मंडल जब चाहे सर्वसम्मति/चुनाव द्वारा तत्काल प्रभाव से अध्यक्षमोर्चे को निलम्बित/बर्खास्त कर सकता है क्यों कि वह मोर्चे का शीर्षनिकाय है। उसके निर्णय अंतिम है उसे चुनौती नही दी जा सकती है।
6. मोर्चे का एक कार्यालय होगा/आन्तरिक भागीदारी समिति
7. यदि एक ही जाति के कई राजनीतिक दल अथवा जातीय संघटन होंगेतो वह स्वयं एक आन्तरिक भागीदारी समिति बना कर विचार करेंगे औरअध्यक्ष मंडल में एक मत डालने के अधिकारी होंगे, यद्यपि वह
अध्यक्ष मंडल की कार्यवाही में भाग लेंगे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष -
1. सात राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष करेगा जो विभिन्नवर्गों के होंगे। लेकिन अध्यक्ष वर्ग के नहीं होंगे।
2. एक, एक पद मुसलमान, अनुसूचित जाति, सिख के लिए आरक्षित होगा।
3. कार्यकाल- एक वर्ष
4. उपाध्यक्ष को राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अमात्य राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जिले आवंटित करेंगे।-
4. राष्ट्रीय अमात्य प्रत्येक प्रदेश में एक नियुक्त होगा जो प्रदेश प्रभारीभी होगा। इन्हें हटाने का अधिकार अध्यक्ष मंडल को होगा। इनकाकार्यकाल दो वर्ष का होगा।
5. राष्ट्रीय महासचिव उपाध्यक्षगण 6 राष्ट्रीय महासचिव को नियुक्तकरेंगे।
1. दो पद आरक्षित (क) मुसलमान (ख) अनुसूचित जाति
2. अन्य 4 पद उपाध्यक्ष की जाति से भिन्न होंगे।
3. इन्हें बदलने/हटाने का अधिकार राष्ट्रीय अमात्य को होगा।
4. कार्यकाल 2 वर्ष का होगा।
5. इन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं अमात्य राष्ट्रीय महासचिव मिलकर जिलेआवंटित करेंगे।
6. राष्ट्रीय प्रभारी कार्यकारिणी
1. अध्यक्ष मंडल नियुक्त करेगा, जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष मंडल कावरिष्ठतम सदस्य करेगा।
2. राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशन में राष्ट्रीय प्रभारी कार्यकारिणी तीन माह मेंएक बार बैठक करेगी। राष्ट्रीय प्रभारी कार्यकारिणी जिसका कार्यपालकअधिकारी होगा। इसका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। वह कार्यकारिणीके निर्णय की जानकारी अध्यक्ष मंडल की बैठक में देगा।
7. राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष- अध्यक्ष मंडल नियुक्त करेगा। अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष,राष्ट्रीय अमात्य मिलकर खाते का संचालन करेंगें।
8. राष्ट्रीय कार्यकारिणी -
1. अध्यक्ष मंडल के (क) एवं (ख) खण्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष।
2. समस्त राष्ट्रीय पदाधिकारी
5. जनसेवक संघ का मुख्य संघ प्रभारी
6. कुछ नियम -
3. समस्त प्रदेशीय पदाधिकारी (जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी को छोड़कर)
4. अनुषांगिक संगठनों के अध्यक्ष एवं महासचिव
(क) प्रत्येक तीन माह में बैठक होगी जो वर्णनुकम से अध्यक्ष मंडल के(क) खण्ड के अध्यक्षों के उत्तरदायित्व में होगी ।
(ख) एजेन्डा राष्ट्रीय प्रभारी कार्यकारिणी लिखित रूप से पूर्व में सूचितकरेंगे। अपने विषय को एजेन्डे में सम्मिलित करने हेतु राष्ट्रीय प्रभारीकार्यकारिणी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य 15 दिन पूर्व लिखितसूचित कर देंगे।
9. संसदीय समिति के घटक
1- अध्यक्ष
2- राष्ट्रीय अमात्य
3- राष्ट्रीय अध्यक्ष मंडल के सदस्य 4 प्रदेश अध्यक्ष 5- प्रदेश संगठन प्रभारी
कुछ नियम
(क) जातीय संख्या मानक के अनुसार टिकट का वितरण
(ख) राष्ट्रीय (1) अध्यक्ष मंडल के विभिन्न वर्गों के अध्यक्ष (2) राजनीतिक दलों के अध्यक्ष अपने कोटे के प्रत्याशियों का नाम व क्षेत्र निश्चित करके राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रदान करेगें।
(ग) विवाद की स्थिति में राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय मान्य होगा लेकिन फैसला देते समय वह कारणों को अभिलिखित करेगा।
(घ) राष्ट्रीय अध्यक्ष संसदीय समिति में विचार विमर्श के बाद सूचीप्रकाशित कर देगा।
10. राष्ट्रीय अनुशासन समिति
1. अध्यक्षता राष्ट्रीय अमात्य करेगा, पदेन
2. एक उपाध्यक्ष पदेन कम सेसदस्य 2. जिस जिले का प्रकरण हो वहां का पदेन (क) प्रदेश अध्यक्ष (ख) जिला अध्यक्ष (ग) जिला प्रभारी (घ) अध्यक्ष मंडल के (क) एवं (ख) वर्ग में से दो वरिष्ठ सदस्य
3. कार्यकाल अच्छुण
4. संस्तुति करके निम्न दण्ड के लिए प्रदेश अध्यक्ष को सूचित करेगा।
(क) 1 से तीन वर्ष तक सदस्यता से निलंबित
(ख) निष्कासन
(ग) प्रथम सूचना रिपोर्ट के लिए
(घ) अर्थ दण्ड
(ड) प्रदेश अध्यक्ष, अपनी टिप्पणी सहित राष्ट्रीय अध्यक्ष को विवरण भेज
अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष लेगा।
11. प्रदेश अध्यक्षदेगा
1. राष्ट्रीय अध्यक्ष से भिन्न जाति का होगा।
2. प्रथमतः एक नाम सर्व सम्मति से अथवा अध्यक्ष मंडल तीन नाम सुझाएगा उसी में से राष्ट्रीय अध्यक्ष एक का नाम घोषित करेगा।
3. कार्यकाल एक वर्ष छ: माह
12. प्रदेश उपाध्यक्ष
1. प्रदेश अध्यक्ष नामित करेगा जिसमें तीन अनुसूचित जाति, तीन मुसलमान, दो सिख, तीन पिछड़ी जाति एवं तीन महिलाएं होंगे। कुल14 प्रदेश उपाध्यक्ष होंगे।
2. इनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा।
3. प्रत्येक उपाध्यक्ष को प्रदेश अध्यक्ष जिले आवंटित करेंगे।
13.प्रदेश प्रभारी- ये चार होंगे, जो मुसलमानों के लिए आरक्षित हैं। इनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा। ये प्रदेश के चार हिस्से के प्रभारी होंगे कमशः उत्तरांचल, दक्षिणांचल, पूर्वांचल, पश्चिमांचल
14.प्रदेश प्रभारी महिला- ये 12 होंगी जिनमें पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, मुसलमान, सिख के चार-चार सदस्य होंगे। कार्यकाल दो वर्ष ।
15.मंडल प्रभारी- प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करेंगे कार्यकाल 1 वर्ष छ: माह ।
16.मंडल महिला प्रभारी- प्रदेश अध्यक्ष नामित करेगा।
17.मंडल प्रभारी संगठन- अध्यक्ष मंडल के (ख) खण्ड द्वारा प्रत्येक वर्ग के प्रभारी संगठन होगें।
18.मंडल प्रभारी चुनाव- अध्यक्ष मंडल के (क) खण्ड द्वारा नियुक्त होंगे।
19. प्रदेश कार्यकारिणी (क) प्रदेश के समस्त पदाधिकारी (ख) अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष (ग) मुख्य अतिथि– राष्ट्रीय अध्यक्ष (घ) आमंत्रित सदस्य- राष्ट्रीय मंडल के समस्त सदस्य (ड) रा० अनुशासन समिति का एक सदस्य (च) राष्ट्रीय अमात्य (छ) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (एक) (ज) कार्यकारिणी की बैठक व्यवस्था प्रदेश प्रभारी कार्यकारिणी करेगें। (झ) जिला अध्यक्ष एवं प्रभारी पदेन होंगे। (ञ) अनुषांगिक संगठनों के अध्यक्ष
20.प्रदेश प्रभारी कार्यकारिणी- हर बैठक में नियुक्त होगा। वह मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा। (क) प्रत्येक माह के आखीरी रविवार को कार्यकारिणी की बैठक होगी। प्रकिया राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तरह होगी। विशेष परिस्थिति में आहुत बैठक में दिनांक स्थान निश्चित होंगे।
21. कोषाध्यक्ष- प्रदेश अध्यक्ष नामित करेगा। केन्द्र से प्राप्त धन का आय व्यय रखना।
22. जिला प्रभारी (1) तीन होंगे (क) पिछड़ा वर्ग (ख) मुसलमान (ग) अनुसूचित जाति इन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करेगा।
23.जिला अध्यक्ष- जिले की कार्यकारिणी दो नाम प्रस्तुत करेगी। सर्वसम्मति से/ उसकी नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष स्वयं करेगा। (1) वह जिले का मुख्य कार्यपालक अधिकारी है।
24. विधान सभा प्रभारी- जिला अध्यक्ष कार्यकारिणी से राय लेकर नियुक्त करेगा।
25.महिला जिला अध्यक्ष- प्रदेश महिला अध्यक्ष नियुक्त करेंगी।
(व्यवस्था परिवर्तनमोर्चा)
संयुक्त मोर्चा
देश की जनता विशेष रूप से नब्बे प्रतिशत जनता के हितार्थ राष्ट्रीय नीति में आमूल-चूल परिवर्तन की आवश्यकता है। इस हेतु शिक्षाविद् श्रीमती आशा सिंह सफरीवाला ने राष्ट्रभक्त विचारक, राजनीतिक नेताओं और संतों के समक्ष कतिपय संकल्प प्रस्तुत किए हैं। इसे और भी सुधार कर वंचित समाज की जिंदगी बेहतर बनाने की जरूरत है।
(खण्ड-1) कानून एवं नागरिक सुरक्षा
1. पुलिस- कानून और नागरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के हवाले रहती है। जीवन और समाज के प्रत्येक हिस्से में पुलिस, बेइंसाफी समाप्त करने और पीड़ित की रक्षा का उत्तरदायित्व संभालती है। पर हालात ठीक इसके विपरीत है। पुलिस वंचितों के हितों के अनुकूल काम नहीं करती जिससे सरकार की छवि बरबाद हो जाती है। एक तरफ पुलिस हर शिकायत में पक्ष और विपक्ष से घूस लेने का प्रयास करती है। दूसरी तरफ पुलिस पर बल, बाहुबल, विभागीय और राजनीतिक बल इतन दबाव निर्मित कर देते हैं कि उसे निष्पक्ष विवेचना करना असम्भव हो जाता है इसलिए विवेचना दूषित हो जाती है। प्रदेश की 99 प्रतिशत विवेचना इस रोग से पीड़ित हैं। स्वतंत्र विवेचना कानून एवं नागरिक सुरक्षा के लिए आक्सीजन है। इसके अभाव में पीड़ित नागरिक का दम घुट रहा है।
हमारी सरकार क्या करेगी?
1. कांस्टेबिल से लेकर इंसपेक्टर तक 10 प्रतिशत की शाहूजी महाराज वेतन वृद्धि।
2. अनुमानित परिवहन व्यय में वृद्धि, स्टेशनरी, मास्क, शुद्ध जल, सेनिटाइजर, दस्ताने, उत्तम मेस व्यवस्था, जलपान और थाने चौकीपर वर्दी धोने साफ रखने की लांड्री, आराम करने, अल्प बीमारी पर औषधि की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी।
3. प्रत्येक पुलिस कर्मचारी की पुत्री के विवाह में पांच लाख रमाबाई सहायता वृत्ति मिलेगी।
4. दो बच्चों की किसी भी स्तर की शिक्षा के लिए सावित्र बाई फुले छात्रवृत्ति दी जावेगी।
5. पुलिस कर्मी के वीरगति प्राप्त होने पर अभियुक्त की सम्पत्ति का 50 प्रतिशत मिलेगा। न मिलने पर सरकार 25 लाख देगी और पुलिस कोष से 10 लाख मिलेगा।
6. पुलिस कर्मी की समस्या सुनने के लिए पुलिस अधीक्षक के साथ दो राजनीतिक दल के अध्यक्ष भी समिति के रूप में सुनवाई करेंगे।
7. विवेचना की कमी के कारण अपराधी बरी किए जाने पर विवेचक की सर्विस बुक में प्रतिकूल प्रवृष्टि होगी तथा पदावनति क्यों न की जाय इसकी नोटिस के साथ उपयुक्त पाए जाने पर पदावनति होगी। दूषित विवेचना पाए जाने पर पुलिस नियमावली के कठोर दण्ड तथा पदोन्नति 5 वर्ष के लिए रोक दी जावेगी। यदि भा0द0सं0 के अन्तर्गत अपराध बनता है तो उसमें भी कार्यवाही होगी।
8. अपराधी से सांठ-गांठ करने एवं घूस लेने की शिकायत पर बर्खास्तगी निम्नतम दण्ड होगी जांच कमेटी में प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, एक अध्यापक/अध्यापिका, एक अनुसूचित जाति का जिला अधिकारी द्वारा मनोनीत अधिकारी, शामिल होंगे। जांच उससे उच्च स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में होगा।
कुछ अतिरिक्त कार्यवाही
1. पुलिस की निगाह प्रत्येक विभाग और अधिकारी पर होगी। उसे संसाधनों से ऐसा लेंस कर दिया जावेगा कि वह समस्त राजकीय विभागों में शिकायत आने पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करेगी। इसके लिए संख्या बल में भी बढ़ोत्तरी की जावेगी। समुचित सूचनाओं के लिए एल0आई0यू0 को सकिय एवं विकसित किया जावेगा। फोरेंसिक विभाग का विस्तार एवं प्रभावी बनाने के उपाय होंगे। अपराधियों की खोज एवं धर पकड़ में धन की कमी नहीं होने देंगे।
2. हत्या के शिकार नागरिक को अपराध सिद्ध हो जाने पर अभियुक्त की सम्पत्ति में से प्रभावकारी क्षतिपूर्ति होगी। अभियुक्त की सम्पत्ति का 50 प्रतिशत पीड़ित परिवार को मिलेगा अथवा सरकार क्षति पूर्ति देगी। हत्या के शिकार परिवार को यदि मृतक सरकारी/कर्मचारी है तो योग्यातानुसार नौकरी प्राप्त होगी।
3. पुलिस रजिस्टर, वास्तविकता और आम शोहरत के आधार पर नागरिक सुरक्षा के लिए संकट बने, दबंग नेता, सफेदपोश, आर्थिक अपराधी, पेशेवर अपराधी, माफिया, मिलावट खोर, बलत्कारी, हत्यापराधी मीसा के तहत दो वर्ष के लिए निरूद्ध किए जावेगें।
मीसा से निरूद्ध करने के लिए समिति
1. राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष 2. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक 7. सिख वर्ग का एक अधिवक्ता 3. जिला अधिकारी 7 4. अनुसूचित जाति के दो अधिवक्ता 5. मुसलमान वर्ग का एक अधिवक्ता 6. पिछड़े वर्ग का एक अधिवक्ता (4 से 7 तक का कार्यकाल छ माह तक होगा और उनका चरित्र सत्यापन होगा) 9. डी0डी0सी0 किमिनल 8. एल0आई०यू० के उच्च अधिकारी 10.जेल अधीक्षक मीसा में पुनः विचार छ: माह में होता रहेगा। 4. नेताओं, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों व संदिग्ध नागरिकों के सम्पत्ति की जांच के लिए "अवैध सम्पत्ति जांच आयोग" बनेगा जो प्रदेश में छ: माह के अन्दर दोषी व्यक्तियों को चिन्हित करेगा। जिनकी अवैध सम्पत्ति के अतिरिक्त 20 प्रतिशत सम्पत्ति जब्त कर ली जावेगी तथा उनके ऊपर मीसा में कार्यवाही होगी। आयोग का गठन होने के दस दिन के अन्दर समर्पण करने वालों को पूर्णतया छमा करके उत्पीड़क कार्यवाही नहीं की जावेगी।
खण्ड-2 (सामान्य प्रशासन)
1. भ्रष्टाचार (क) एल0आई०यू० की एक यूनिट शहर में किसी अधिकारी/नागरिक की आम शोहरत धूमिल होने का संज्ञान प्राप्त होते ही इसकी रिपोर्ट राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की एवं जिला अधिकारी की एक कमेटी को क्या ऐसा चलता रहेगा? देगी। जिसकी जांचोपरान्त आवश्यक कानून में कार्यवाही सुनिश्चित होगी। इसके लिए एल0आई0यू0 द्वारा अपराधियों से सांठ-गांठ में लीन पाए जाने पर बर्खास्तगी होगी। सारी सरकारी योजनाओं में घुन लग गया है जितना पैसा योगी सरकार किसी काम के लिए स्वीकृत करती है सचिवालय से लेकर डी0एम0, एस०एस०पी० तक फिर स्थानीय कर्मचारी फिर ठेकेदार में बंट जाता है शेष रकम में काम होता है। शिक्षा, पी0डब्लू0डी0. पुलिस, तहसील, डी0एम0 कार्यालय, सी0डी0ओ0 कार्यालय में दलाल, कर्मचारी और पेशेवर नेता ऐसी लूट मचाए है कि ईस्टइंडिया कम्पनी को शर्म आ जाय। कोई भी शासन इससे निपट नही पाता है।
इस तरह निपटेगें
1. कचहरी में एक शिकायती डिब्बा लगावेगें। उसे समस्त राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, एक नामित मुल्ला, एक विधायक, एक मुस्लिम अधिवक्ता, महंत साधू, एक अध्यापक प्राइमरी, एक उच्च शिक्षा महिला इंटर कालेज की प्रधानाचार्य, दो अनुसूचित जाति के अधिकारी, एक पिछड़ा वर्ग का डॉक्टर, मेयर/नगरपालिका अध्यक्ष, लेखपाल, प्रधान/पार्षद, चौकी प्रभारी, (कम से बदलते रहेंगें) की उपस्थिति में प्रत्येक रविवार खुलेगा। नामित करने का काम प्रमुख राजनीतिक दल के अध्यक्ष करेगें। कमेटी की बैठक कमशः सदस्य की अध्यक्षता में होगा पर सत्तारूढ़ दल के नहीं होंगे। वह प्रत्येक रविवार को बदले जावेंगे। वे शिकायती पत्र पर विचार करके टिप्पणी टाइप कराकर संबंधित अधिकारी के पास देंगें। रजिस्टर में अंकित करेंगे और अगले रविवार से पहले सम्बंधित विभाग हरहालत में उसका ब्योरा देगा। संतुष्ट न होने पर कमेटी अर्थदण्ड लगावेगी। शिकायतकर्ता को न्याय देगा, बैठक का खर्च रेडकास देगा। व्यवस्था सभागार में जिला अधिकारी करेंगे। इस समिति की टिप्पणी गंम्भीर मानी जावेगी इसके दायरे में न्यायिक कर्मचारी भी रहेंगे। शिकायत मंत्री, से लेकर चपरासी तक की जा सकती है।
2. न्यायिक सम्मान रक्षक समिति- इसमें जिले के बार एशोसिएशन के अध्यक्ष, प्रत्येक बार के एक अधिवक्ता राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, विवि० के कुलपति, दो अन्य जाति के बैंक अधिकारी, दो पिछड़े वर्ग के अध्यापक, एक मुसलमान अधिवक्ता, एम0पी0/उनका प्रतिनिधि शामिल होगे 1 माह में एक बैठक होगी जो न्यायालयों की सुरक्षा, सम्मान पर चर्चा करेगी तथा जिला जज को सुझाव देगी। उसकी प्रतिलिपि एडमिनिस्ट्रेटिव जज एवं रजिस्ट्रार को प्रेषित करेगी। इसकी अध्यक्षता एम0पी0 करेंगें। (क) इसके लिए जांच कमेटी में प्रत्येक राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, सरकारी अधिकारी, दो अधिवक्ता, एक अध्यापक शामिल होंगे। (ख) झूठी शिकायत करने वाले भा0द0सं0 के अनुसार कड़ी कार्यवाही के हकदार होगें। (ग) यदि आम नागरिक समझता है कि भ्रष्टाचार हो रहा है तो वह गुप्त सूचनाएं दे। भ्रष्टाचार के लिए राजनीतिक दल, विधायक, एम०पी० मंडलायुक्त, उपमहानिरीक्षक पुलिस जिम्मेदार करने जावेगे। (घ) आम जनता को उसके कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति सचेत किया जावेगा। (ड) कुरितियों, अंध विश्वास, जनता को मूर्ख बनाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही होगी। यदि जिले में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगता है तो उसके जिम्मेदार राजनैतिक दल, विधायक, एम0पी0, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकसमेकित होगें। इनके बारे में विस्तृत आख्या समाचार पत्रों में प्रत्येक छ: माह में प्रकाशित होगी जिसका उत्तर दायित्व मण्डलायुक्त की होगी। 3. जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सी0डी0ओ0 के कार्यालय में राजनीतिक दलों के अध्यक्ष/बार एशोसिएशन से नामित अधिवक्ता, एक अधिवक्ता (अनुसूचित जाति + पिछड़ा वर्ग+ मुसलमान) रोस्टर के मुताबिक बार मुहैया करावेगी। एक महिला अधिवक्ता, महिला अध्यापिका, राष्ट्रीय दल की महिला अध्यक्ष उनके साथ बैठेगें। 1. इन्हें अधिकारी की कार्यप्रणाली में बोलने, हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नही होगा। 2. वह शिकायती पत्रों का अध्ययन, उस पर अधिकारी के आदेश, उनके जनता के प्रति व्यवहार का अध्ययन करेगें एवं कार्यकाल के उपरान्त दो घंटे की बैठक में रिपोर्ट तैयार करके मंडलायुक्त को प्रेषित करेंगें। रिपोर्ट गोपनीय होगी एवं मंडलायुक्त उस पर कार्यवाही के उत्तरदायी होंगें। व्यवस्था जिलाधिकारी करेंगे। 4. कमेटी अपनी संक्षिप्त आख्या मंडलायुक्त एवं उपमहानिरीक्षक पुलिस को प्रेषित करेगी।
खण्ड-3 शिक्षा
1. ग्रामीण विद्यालय के कैम्पस में अध्यापकों के रहने की निःशुल्क व्यवस्था होगी। बिजली बिल, मकान की सफाई का जिम्मेदार अध्यापक होगा। सुरक्षा स्थानीय पुलिस करेगी चूक करने पर तत्काल निलंबन/बर्खास्तगी होगी। 2. सरकारी कर्मचारी/अधिकारी के बच्चे सिर्फ सरकारी विद्यालयों में पढ़ेगें। 3. विद्यालयों में भोजन की केन्द्रीय व्यवस्था होगी जिसे वृहद आधुनिक राजकीय पाठशाला में भोजन पैक होकर विद्यालयों में पहुंचेगा। भोजन पहुचाने की जिम्मेदारी सरकारी/अर्धसरकारी, जन सहयोग के ऊपर होगा। 4. एन0सी0सी0 अनिवार्य 5. स्नातक शिक्षा के पश्चात भारतीय संस्कृति का तुलनात्मक अध्ययन नामक 3 माह का पाठयकम पूरा कर लेने पर ही स्नातक डिग्री दी जावेगी। आदि में भयावह भ्रष्टाचार है। इसके लिए विशेष कार्यवाही होगी। साक्षात्कार के नम्बर नहीं जुड़ेगे। इसके लिए एक "शिक्षा सेल पुलिस" का गठन करके मामले का निस्तारण होगा। 6. शिक्षा क्षेत्र की भर्तियों, स्थानान्तरण जिला भोजन कमेटी 1. राजकीय दलों के अध्यक्ष 2. महंत साधू एक सदस्य 3. मुल्ला4. ग्रंथी 5. डी0आई0ओ0एस0 6. बी०एस०ए० 7. किराना व्यापार मंडल के अध्यक्ष 8. मंडी समिति के सचिव 9. सब्जी मंत्री का अध्यक्ष 12.विद्यालयों के प्राचार्य 10.सी0एम0ओ0 11.सप्लाई आफिसर 13.विद्यालयों की एक अध्यापक / अध्यापिका अनुसूचित जाति के ।
निरीक्षण कमेटी
1. एम०पी० ० 2. MLA 3. प्रधान 4. जिलाधिकारी 5. मण्डलायुक्त 6. शिक्षा व्यय में धार्मिक न्यासों, मठ मंदिरों, गुरूदारों, मस्जिदों, मिल मालिकों, रेडकास से सहायता ली जावेगी। 7. रेडकास की फीस के लिए विद्यार्थियों से एक रूपया, पंजीकृत दुकानदारों प्रति माह व अन्य संसाधन खोजे जावेंगे। बच्चे देश का भविष्य हैं। उनके से 4 रूपया, अधिकारियों से 100 रू0, कर्मचारियों से 1 रु0, शिक्षक वर्ग से 5 रु0, अधिवक्ताओं से 5 रु0 मंत्री समिति के दुकानदारों से 10 रु0, होटलों से 50 रु0 पंजीकृत, बड़े वाहनों से 50 रु0, छोटे वाहनों से 10 रु0 खान पान पुस्तक, उचित रख रखाव की जिम्मेदारी समाज की भी है। 8. अभावग्रस्त गरीब विद्यार्थियों को रहने, खाने, पुस्तक की निःशुल्क व्यवस्था। 9. उच्च शिक्षा सस्ती, सुलभ होगी तथा शिक्षा के लिए बैंकों से सस्ते दर पर कर्ज मिलेगा। 10. कक्षा 12 के बाद कमेटी तय करेगी कि विद्यार्थी किस लाइन में जावेगा। कमेटी 1. मनोवैज्ञानिक 2. शिक्षा शास्त्री 3. अधिकारी- अनुसूचित जाति, मुसलमान, पिछड़ा वर्ग, ब्राम्हण वर्ग के चार 4. एक अध्यापक 5. एक प्राचार्य/ अन्य 11.शिक्षा के साथ कमाने का अवसर भी सरकार मुहैया करावेगी। 12.सरकार अध्ययन करेगी कि निजी क्षेत्र के विद्यालयों में कितनी सरकारी निधि लगी है।
खण्ड-4 चिकित्सा
1. चिकित्सा पूर्णतया मुफ्त। गम्भीर रोगों में नागरिक अपनी आर्थिक हालत को स्पष्ट करके सरकार की सहायता लें। झूठ बोलकर सक्षम व्यक्ति सहायता लेगे तो वसूली। सिर्फ गरीब ही नहीं मध्यम वर्ग भी निःशुल्क चिकित्सा का अधिकारी होगा। 2. दवाओं का मूल्य निर्धारण 6 माह में होगा। 3. जीवन रक्षक दवा/उपकरण, बच्चों और गर्भवती महिलाओं की आवश्यक दवाओं पर टैक्स नहीं। 4. चिकित्सा स्टाफ में वृद्धि 5. उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी पर मीसा में गिरफ्तारी एवं 20 वर्ष की सजा का प्राविधान। 6. मिलावटी कारोबारी की जमानत नही।
खण्ड-5 किसान वर्ग
1. बीज, खाद, डीजल, पानी बिजली की पूर्ति खाद, बिजली, डीजल की कीमत फसल बिकी पर वापसी। 2. प्राकृतिक आपदा पर फसल बीमा को कड़ाई से लागू करना। 4. गाय/बकरी/भेड मुफ्त में हर परिवार को संतान सरकार वापस लेगी 5. किसानों को अतिरिक्त व्यवसाय की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी। 3. उत्पाद हर हालत में सरकार लेगी। 6. भूमि का आकतन- ट्रस्ट, धार्मिक संस्थान की अतिरिक्त भूमि, कम्पनियों की भूमि, बड़े किसानों की भूमि, राजे रजवाड़जें, भूमाफियाओं की भूमि से भूमिहीन खेतिहर वर्गों को जमीन का आवंटन। 7. चरागाह की भूमि की व्यवस्था 9. कीटनाशकों, दवाओं के मूल्य पर नियंत्रण 10.किसान आन्दोलन का समर्थन 8. कृषियंत्रों पर टैक्स फी
खण्ड-6 उद्योग धंधे और बेरोजगारी नियंत्रण
1. प्रत्येक बड़ा उघोग अपने साथ कुटीर उद्योग का विकास सुनिश्चित करेगा। तभी उसे कर्ज, लाइसेन्स की व्यवस्था दी जावेगी। 2. उत्पादन पर आधारित उद्योग धंधे विकसित होंगे।3. कमबद्ध तरीके से जो वस्तुएं कुटरी उद्योग में निर्मित हो सकती हैं उन्हें बड़ें उद्योगपतियों के लिए मना होगा उनके लाइसेन्स निरस्त होंगे। जैसे मसाले, आटा, तेल, बेसन व अन्य उपभोक्ता सामग्रियों के निर्माण की सीमा तय होगी। 4. कृषि आधारित उद्योगों के लिए किसानों को प्रोत्साहन- सवसिडी, बाजार, कर्ज आदि। 5. जिलों के स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्योग धंधों का विकास । 6. कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, बहराइच, प्रतापगढ़, बांदा, सोनभद्र, झांसी, आगरा, लखीमपुर खीरी, बरेली आदि नगरों को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में प्रयास । 7. सहकारी उद्योग की वापसी। सफलता सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक योजना, भ्रष्टाचार निवारण व उत्तरदाई व्यवस्था की शुरूआत। दूध, पशुपालन, मछली, अंडों, धुलाई, सिरेमिक बर्तन, मोती उत्पादन, औषधि वृक्ष आदि क्षेत्रों में योजनाएं। नालायक, सुस्त एंव भ्रष्ट कर्मचारियों की घर वापसी। ऊर्जावान व्यक्तियों को समान अवसर।
खण्ड-7 मंहगाई और मुनाफा खोरी
1. मूल्य नीति- किसी वस्तु की कीमत तय करने के लिए एक राष्ट्रीय मूल्य नीति निर्धारित होगी। लागत मूल्य के ऊपर कितने प्रतिशत मुनाफा होगा यह सरकार तय करेगी। सरकार प्रकाशित करेगी कि साबुन, तेल, दवाओं, रोजमर्रा की वस्तुएं, वाहन आदि पर सरकार जनता को किस तरह मूल्य अदा करने के लिए कहती है। 2. मंहगाई की मां है मुनाफाखोरी। कोविड काल में भारतीय व्यापारियों ने मुनाफाखोरी की हद कर दी है। वह मना रहे हैं कि कोविड का संकट और बढ़े जिससे उन्हें कफन तक को मुनाफे पर बेच सकें। हर वस्तु के दाम बढ़े। मैने सरकार आंख मूंद कर व्यापारियों और अपने समर्थकों को मुनाफा खोरी से तिजोरियां भरवा रही है जिससे मंहगाई चरमसीमा पर है और उसका खामियाजा गरीब और मध्यम वर्ग झेल रहा है। हमारा मोर्चा प्रदेश में दो माह के अंदर इस पर काबू प्राप्त करेगा। 3. कृत्रिम अभाव नहीं पैदा होने देंगे। कानून का कड़ाई से पालन होगा।
खण्ड-8 सामान्य व्यवस्था
1. उच्च शिक्षा सस्ती/अध्ययन के लिए कर्ज की व्यवस्था। 2. भ्रष्टाचार पर अति कड़े नियम, कानून, दण्ड होगा। 3. प्रत्येक व्यक्ति को प्रदेश का विकास टैक्स देना होगा। यदि गरीब है तो उसकी आमदनी बढ़ा कर ही सरकार टैक्स लेगी। विकास टैक्स नाम मात्र को होगा। मंदिर ट्रस्ट की आय Par भारी विकास टैक इसके लिए धर्मविभाग का अलग से मंत्रालय बनाकर मंदिरों की सम्पत्ति का लिखित ब्योरा, आमदनी और व्यय का लेखा जोखा। 4. भारतीय संविधान के कर्तव्य एवं अधिकार को जनता से अवगत कराना। 5. पिछली सरकारों ने पिछले 40 वर्षों में जो सरकारी सम्पत्ति बेच दी है। उस पर आयोग बना कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना। सस्ते दामों में जनता की सम्पत्ति बेचने और खरीदने वालों पर रासुका के तहत कार्यवाही तथा घाटे का उनकी सम्पत्ति में से वसूली। 6. समस्त नेताओं, ट्रस्टों, नौकरशाहों, ठेकेदारों, भूमाफियाओं ,शिक्षा औषधि-खनन- आदि क्षेत्र के लोगों की सम्पत्ति और आय की जांच। अघोषित सम्पत्ति सरकारी होगी। 7. विदेशी बैंकों में अघोषित सम्पत्ति पर प्रभावी कार्यवाही। 8. पिछले मोदी सरकार द्वारा की गई नियुक्तियो की सघन जांच। 9. मोदी सरकार औद्योगिक, प्रशासनिक नीति से जनकोष का कितना नुकसान हुआ है। इसकी जांच। 10. मोदी के ऊपर जनकोष से कितना घन व्यय हुआ है इनकी जांच 11.जाति आधारित गणना की रिपोर्ट, जनता के समक्ष रखना। विभिन्न भूमि, पदों, आवास, वाहन सेवा, व्यापार सम्पत्ति, जाति गणना के आधार पर करना। 12.मजदूरों के काम घंटे, उनके बेतन, उनका जीवन सुधारने के लिए छः माह में प्रयास करना। 13.अनुसूचित जाति/जन जाति/आदिवासी को मुख्य धारा में लाने के लिए छ: माह में ठोस कार्यवाही। 14.सैनिक परिवारों/अर्धसैनिक बलों/पुलिस को संस्थानों, व्यापारिक संगठनों, उद्योग जगत, सिनमा जगत, आदि के द्वारा विशेष संरक्षण प्रदान करना। 15.बेरोजगारी का एक वर्ष में जड़ से खात्मा/पूरी योजनाएं हैं। मोदी-कांग्रेस सरकारे पूंजीपतियों का खजाना भरने की चाल में प्रयास नहीं करती है। 16. मुनाफाखोरी, रिश्वतखोरी, हराभखोरी, आरामखोरी से मुक्ति। 17.बेटियों की प्रतिष्ठा सुनिश्चित होगी। बलात्कारियों की सम्पत्ति जब्त होगी 18.कार्यपालिका पर जो नेता अनुचित दबाव डालेगा-प्रमाणित होने पर मीसा में कार्यवाही। 19.प्रत्येक गरीब परिवार का पंजीकरण और उसकी आमदनी बढ़ाने का सरकारी उत्तरदायित्व। 20. देह प्रदर्शन करने वाले नृत्य, समारोह पर पाबंदी। 21.देह व्यापार में संलग्न लोगों को जीवन की मुख्य धारा में वापसी। 22.सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 15 प्रतिशत का आरक्षण जो जनसंख्या कानून के अनुसार तय होगा। 23. पर्यावरण, नदियों, जंगल, जल, वृक्ष की रक्षा के लिए समयवद्ध कार्यकम। 24.गृहमंत्री, धर्ममंत्री, भ्रष्टाचार निरोधक मंत्रालय ।25.तम्बाकू, गांजे के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध । 26.किसी लाइन लगाने की पद्धति में प्रथम महिलाओं को आगे सेवा प्राप्त करने का अधिकार। 27.सिनेटरी पैड टैक्स फी होगा। लड़कियों के विद्यालय में पैड मुफ्त में 28. सिटी बस और लोकल ट्रेनों में 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित। सीट पर अंकित होगा। 29.तलाकशुदा, विधवा, बेसहरा, अपंग, वृद्ध महिला की समस्या सीधे विधायक देखेंगे। 30.विधायक अपने क्षेत्र में माह में जितने दिन रहेंगे वह अपने कार्यालय तथा समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे। 31.मोदी सरकार द्वारा विभिन्न नामकरण निरस्त होगें। 32.मोदी सरकार मूर्ति व अन्य निमार्ण खरीद फरोख्त की जांच। 33.मोदी सरकार की फिजूल खर्च की जांच। 34.मोदी सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों की समीक्षा।राष्ट्रीय जनसेवक संघ 1. संघ अधिष्ठाता 2. सघ प्रमुख 3. संघ कार्यकारिणी अनुषांगिक संगठन विद्यार्थी, वकील, डॉक्टर, अध्यापक, श्रमिक आदि । परामर्शदाता अवनीश श्रीवास्तव अधिवक्ता सिविल कोर्ट, अयोध्या (फैजाबाद) मो0 नं0 8090789733
1:- गठबंधन की व्यवस्था में निष्ठा रखना ।
अनुशासन का पालन करना ।
2:- आम सभा द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार प्रत्येक घटक दल द्वारा निर्धारित तिथि तक अपना आर्थिक अंश जमा करना ।
3:- प्रत्येक घटक दल द्वारा प्रदत्त 3 महापुरुषों के नाम में से कम से कम एक महापुरुष का चित्र गठबंधन की प्रचार सामग्री में अंकित करना ।
4:- प्रत्येक घटक दल द्वारा प्रदत्त तीन उद्देश्यों में से कम से कम एक उद्देश्य को न्यूनतम साझा घोषणापत्र में शामिल करना ।
5:- आम सभा द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार प्रदत्त दायित्वो को समय से सभी घटक दलों द्वारा पूरा किया जाना ।
6:- आम सभा की प्रतिमाह बैठक होना , जिसमें गत माह की प्रगति व आगामी कार्यक्रमों हेतु विचार विमर्श होना । आम सभा में निर्णय लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा लिया जाना ।
7:- किसी भी घटक दल या उसके पदाधिकारियों द्वारा किसी के विरुद्ध किसी तरह की अशोभनीय टिप्पणी न करना ।
8:- आम सभा द्वारा निर्धारित प्रारूप के अनुसार ही घटक दलों द्वारा प्रचार सामग्री छपवाया जाना । प्रचार सामग्री में निर्धारित महापुरुषों के फोटो निर्धारित क्रमानुसार लगाए जाएंगे । स्थानीय महापुरुष का फोटो क्षेत्र विशेष में लगाने की छूट रहेगी ।
9:- बड़े पोस्टर व होल्डिंग्स में सभी घटक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के फोटो निर्धारित क्रमानुसार लगाए जाएंगे । राष्ट्रीय अध्यक्षों के फोटो का क्रम आमसभा में तय किया जाएगा ।
10:- आधारभूत एवं ज्वलंत मुद्दों पर सभी घटक दलों द्वारा धरना प्रदर्शन चिन्हित अपने-अपने जनपदों में करने होंगे । जनपद विशेष में दल विशेष के नेतृत्व वाला बैनर आगे तथा मंच पर मुख्य होगा , शेष सहयोगी दलों के बैनर पीछे तथा बगल में रहेंगे ।
11:- घटक दलों के पदाधिकारियों/ कार्यकर्ताओं को आपस में मित्रवत संबंध बनाना तथा गुटबाजी पैदा नहीं किया जाना । किसी घटक दल द्वारा गुटबाजी पैदा करने की जानकारी सही साबित होने पर घटक दल विशेष को गठबंधन से बाहर कर दिया जाएगा ।
12:- गठबंधन के सभी कार्यक्रमों में सभी घटक दलों के यथासंभव बराबर-बराबर संख्या में झंडे लगाए जाएंगे ।
13:- प्रत्येक घटक दल को संभवतः एक विशेष बिंदु पर तथ्यात्मक भाषण तैयार करना तथा उसका संबोधन देना ।
14:- किसी भी घटक दल के कार्यक्रम में गठबंधन के सभी घटक दलों के यथासंभव बराबर संख्या में झंडे लगाए जाएंगे तथा घटक दल विशेष के झंडों की संख्या ज्यादा हो सकती है , ताकि घटक दल विशेष के कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन हो सके । कार्यक्रम हेतु छपवाई जाने वाली प्रचार सामग्री में निर्धारित महापुरुषों के फोटो के साथ-साथ सभी घटक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के फोटो समान आकार में निर्धारित क्रमानुसार लगाए जाएंगे । संबंधित घटक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष का अन्य फोटो नीचे बड़ा लगाया जा सकता है , ताकि क्षेत्र विशेष में घटक दल का सकारात्मक संदेश जा सके । प्रत्याशी /आयोजक का बड़ा फोटो लगाया जा सकता है ।
15:- किसी भी घटक दल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में यथासंभव सभी घटक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को अपने खर्चे से पहुंचना जरूरी होगा । संयोजक तथा सह संयोजको का पहुंचना (विशेष परिस्थिति को छोड़कर ) अनिवार्य होगा । राष्ट्रीय अध्यक्षों को कार्यक्रम में स्वयं/ प्रतिनिधि के पहुंचने की सूचना कार्यालय को 2 दिन पूर्व उपलब्ध करानी होगी , ताकि तदनुसार मंच पर बैठने, स्वागत करने तथा संबोधन हेतु नाम पुकारने में सहूलियत हो सके। घटक दल विशेष के कार्यक्रम में संबंधित घटक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को संयोजक के बगल की कुर्सी पर बैठने की व्यवस्था की जाएगी , ताकि संबंधित घटक दल के कार्यकर्ताओं/ समर्थकों का उत्साहवर्धन हो सके ।
16:- यह गठबंधन पूरे देश में एक ही होगा । राज्य विशेष में बहुजन समाज से संबंधित दलों को संगठित कर उनके द्वारा अपने राज्य या अन्य राज्यों में लोकसभा /विधानसभा चुनावों में प्राप्त मतों के आधार पर वरीयता निर्धारित करते हुए चुनावों की रणनीति राज्य विशेष के लिए आम सभा में बनाई जाएगी तथा उच्च वरीयता क्रम वाले दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष को राज्य विशेष का संयोजक नामित किया जाएगा ।
17 :- राज्य विशेष में संबंधित दलों के मध्य लोकसभा /विधानसभा सीटों का बंटवारा यथासंभव बराबर बराबर किया जाएगा । संबंधित दलों से वरीयता क्रम अनुसार सीटों की सूची मांगी जाएगी । किसी सीट विशेष पर यदि दो या दो से अधिक दल दावेदारी करते हैं , तो उच्च वरीयता वाले दल को सीट विशेष दी जाएगी तथा इससे प्रभावित दल /दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को शेष सीटों में से सीट चयनित करनी होगी । यदि शेष सीटों पर दल विशेष का संगठन नहीं है अथवा दल विशेष का आधार वोट नहीं है , तो असहमति की स्थित में सामंजस्य बनाकर समस्या का समाधान किया जाएगा । यह कार्य गठबंधन द्वारा आसन्न चुनाव से लगभग 6 माह पूर्व करना होगा । यदि कोई कद्दावर नेता चुनाव से कुछ समय पूर्व आकर गठबंधन से चुनाव लड़ना चाहता है , तो जिस घटक दल के खाते में सीट विशेष है, उस घटक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व घोषित प्रत्याशी की सहमति से ही सीट विशेष पर लगाया जा सकता है ।
18 :- गठबंधन को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियमावली एवं संविधान होना जरूरी है । इसी से गठबंधन में अनुशासन बना रहेगा तथा गठबंधन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा ।
19:- गठबंधन में यदि कोई गठबंधन शामिल होना चाहता है और वह अपने गठबंधन का नाम खत्म नहीं करना चाहता है , तो उसको इसकी स्वतंत्रता होगी तथा उस गठबंधन के संयोजक को गठबंधन में सह संयोजक के पद पर रखा जाएगा । लेकिन राज्य विशेष में उस गठबंधन के घटक दलों का स्थान उस राज्य विशेष में संपन्न विगत चुनाव में प्राप्त मतों के आधार पर निर्धारित होगा ।
20:- इस गठबंधन में सामान्य जाति के किसी व्यक्ति द्वारा गठित दल को घटक दल के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा । 90% मूल निवासियों में से किसी व्यक्ति द्वारा कोई सामाजिक संगठन/ ट्रस्ट बनाया गया है तथा वह गठबंधन की विचारधारा से सहमत होकर गठबंधन के लिए सक्रिय रूप से कार्य करना चाहता है, तो ऐसी स्थिति में उस अध्यक्ष को गठबंधन की आम सभा का सदस्य माना जाएगा । यदि वह अध्यक्ष स्वयं या अपने किसी पदाधिकारी को किसी क्षेत्र से चुनाव लड़वाना चाहता है , तो ऐसी स्थिति में उस संगठन के द्वारा गठबंधन के लिए किए गए कार्यों का मूल्यांकन करते हुए , सीट विशेष जिस घटक दल के खाते में होगी , उस के राष्ट्रीय अध्यक्ष /प्रत्याशी की सहमति से ही चुनाव लड़ाया जा सकता है ।
21:- गठबंधन में किसी जाति के यदि एक से अधिक दल शामिल हैं , तो उस जाति की जनसंख्या के अनुपात में उस राज्य विशेष में विधानसभा सीटों की संख्या उनको बता दी जाएगी । सीटों का बंटवारा वे दल आपसी सहमति से करेंगे । असहमति की दशा में आवश्यकता पड़ने पर गठबंधन मध्यस्थता कर समस्या का समाधान करा सकता है ।
22:- गठबंधन के मंच पर यथासंभव 15 कुर्सियां एक ही पंक्ति में लग सकती हैं , जिसमें बैठने की व्यवस्था बीच में संयोजक अथवा कार्यक्रम अध्यक्ष इसके बाद सह संयोजक व अन्य राष्ट्रीय अध्यक्षों को क्रमानुसार एक दाएं व एक बांये बैठाने की व्यवस्था अपनाई जाएगी । यदि आवश्यकतानुसार दूसरी अथवा तीसरी पंक्ति लगाने की आवश्यकता पड़ी, तो उन पंक्तियों में दाएं से बाएं या बाएं से दाएं क्रमानुसार राष्ट्रीय अध्यक्षों को बैठाने की व्यवस्था की जाएगी।
23:- मंच पर संबोधन के लिए 12:00 से 3:00 बजे तक के समय को उपयुक्त समय मानते हुए , उसमें से आधा घंटा का समय रिजर्व करते हुए ढाई घंटे के समय को उपस्थित मंचासीन राष्ट्रीय अध्यक्षों की संख्या के आधार पर बराबर बराबर बांट कर संबोधन देने की व्यवस्था अपनाई जाएगी ।
24:- गठबंधन के मंच पर अथवा गठबंधन के संबंध में प्रिंट /इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के समक्ष अथवा सोशल मीडिया पर गठबंधन में शामिल किसी भी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष /पदाधिकारी , गठबंधन की आम सभा में निर्धारित विषयों पर निर्धारित दिशा निर्देशों के साथ ही अपना वक्तव्य देंगे । अपने दल विशेष के मंच पर भारतीय संविधान की सीमाओं में रहते हुए वक्तव्य देने के लिए स्वतंत्र होंगे ।
25:- गठबंधन को सुचारु रुप से चलाने एवं लक्ष्य हासिल करने के लिए कम से कम 5 सदस्यीय एक कोर कमेटी गठित की जाएगी तथा कम से कम तीन तीन सदस्यीय अनुशासन कमेटी , आय व्यय निगरानी कमेटी, कार्यक्रम आयोजन कमेटी , समीक्षा कमेटी का गठन किया जाएगा । उनके कर्तव्य तथा अधिकार आम सभा द्वारा निर्धारित किए जाएंगे । यही व्यवस्था यथोचित आधार पर अन्य प्रांतों के लिए भी लागू होगी । 26 :- राज्य के लिए मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री तथा मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले राष्ट्रीय अध्यक्षों के नामों की घोषणा चुनाव से 6 माह पूर्व कर दी जाएगी , ताकि चुनाव परिणाम आने पर किसी भी तरह की अफरा-तफरी ना हो सके ।