सुरक्षा को लेकर आज मिलेंगे डीजीपी से
पूर्वोदय संवाददाता गुवाहाटी, 13 नवंबर। कुछ असामाजिक तत्वों ने कल उदालगुड़ी कस्बे में संपन्न वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल की जनसभा के दौरान वीपीआई प्रमुख भरत गांधी की हत्या की कोशिश की। मामले की भनक लगते ही पार्टी के कार्यकर्ता सतर्क हो गए और भरत गांधी को एक होटल में ले गए। आपराधिक तत्वों की संदिग्ध गतिविधियों को देखने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में भय व्याप्त हो गया और उन्होंने भरत गांधी को सभा न करने की सलाह दी, किंतु भरत गांधी नहीं माने। पार्टी के अखिल भारतीय कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद ब्रह्मदेव पासवान उनके साथ थे उन्होंने तत्काल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कुलाधार सैकिया से फोन पर बात की। पुलिस महानिदेशक ने तत्काल उदालगुड़ी के पुलिस अधीक्षक को भरत गांधी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया। जिले के उप पुलिस अधीक्षक तत्काल मौके पर पहुंचे और फोर्स बुला ली। इसके बाद भरत गांधी को आश्वासन दिया गया कि वह सभा करें पुलिस उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगी। भरत गांधी को तत्काल दो पीएसओ उपलब्ध कराए गए। एस्कॉर्ट पार्टी उनके साथ पहले से ही थी। पुलिस के आला अधिकारी और गुप्तचर कर्मचारी मौके पर पैनी नजर रखे हुए थे। अंततः कोई दुर्घटना होने से बच गई। जनसभा के बाद भरत गांधी को पुलिस ने अपनी सुरक्षा में गुवाहाटी भेजा। आज इस मामले में पार्टी ने उदालगुड़ी थाने को इस मामले में एक शिकायत प्रस्तुत करते हुए अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। उम्मीद है कि आज इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस बीच पार्टी के अखिल भारतीय कमेटी के अध्यक्ष पासवान इस संदर्भ में भरत गांधी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से चर्चा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सन 2015 में दी गई भरत गांधी की पुलिस सुरक्षा पिछले दिनों समाप्त कर दी गई थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में आंदोलन किया तो पुलिस एस्कॉर्ट तो बहाल कर दिया, लेकिन उनके पीएसओ अभी तक बहाल नहीं किए गए हैं। इस मामले में गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक कार्यालय को एक नोटिस जारी किया है। एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने हाई कोर्ट को जवाब दाखिल नहीं किया। उदालगुड़ी की इस घटना से यह साबित हो गया है कि भरत गांधी की सुरक्षा में पुलिस की ओर से लापरवाही बरती जा रही है और किन्हीं कारणों से उनकी सुरक्षा के बारे में पुलिस महानिदेशक कार्यालय को गलत रिपोर्ट भेजी जा रही है।