वैश्विक शांति और भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए
अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक अधिकारों के लिए मिशन
हमारी द्रिष्टि
वैश्विक संचार, वैश्विक अर्थव्यवस्था और सीमाहीन विश्व बाजार के वर्तमान युग में घरेलू संविधान द्वारा जिस घरेलू नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के अधिकार की गारंटी दी गयी है, उसकी रक्षा मात्र देशों की घरेलू सरकार द्वारा नहीं की जा सकती है। यूक्रेन, इजराइल, गाजा और कई अन्य देशों में घटित/घट रही युद्ध आपदाएँ हाल के ज्वलंत उदाहरण हैं। इन देशों के संविधान में भी घरेलू नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के अधिकार की गारंटी दी गयी है. ऐसे युद्ध की पुनरावृत्ति भविष्य में बार-बार होती रहेगी। क्योकि ऐसे युद्धों को तत्काल रोकने एवं रोकने की प्रभावी व्यवस्था का अभाव है. इसलिए विश्व शांति बनाए रखने के लिए प्रभावी संस्था/सरकारों की आवश्यकता है। मिशन फॉर ग्लोबल चेंज ने राज्य मशीनरी की एक ऐसी शक्ति संरचना विकसित की है जो इस उद्देश्य को प्राप्त करनेमें सक्षम हो सकती है।
24 अक्टूबर को अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार के गठन के लिए घोषणा समारोह
संयुक्त राष्ट्र संघ वर्तमान में दो देशों केबीच होने वाले युद्धों को रोकने में विफल साबित हो रहा है। यदि भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू हो जाए तो भारत में हमारे आपके मकानों के ऊपर भी मिसाइलों की बरसात शुरू होजएगी। संयुक्त राष्ट्र कुछ नहीं कर पाएगा। तब हमारे आपके हाथ से भी सब कुछ निकल चुका होगा। इसलिए समय रहते शांति का व्यवस्थागत प्रबंध करना चाहिए। शांति का का प्रबंध तभी संभव है, जब विश्व के सभी देशों की एक संयुक्त राष्ट्रीय संसद और सरकार बने। जब तक दुनिया भर की सरकारें इस काम के लिए संधि नहीं करतीं, तब तक के लिए विश्व परिवर्तन मिशन (मिशन फॉर ग्लोबल चेंज, एमजीसी) अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार का गठन करने जा रहा है. विश्व शांति सुनिश्चित करने के लिए श्री विश्वात्मा उर्फ भरत गांधी विश्व सरकार और विश्व संसद बनाने के लिए दुनिया भर के सभी देशों के राष्ट्रपतियों को सं 2006 से कई बार लिख चुके हैं। अभी-अभी काठमांडू में 92 देशों के सम्मेलन में विश्व परिवर्तन मिशन ने विश्व संसद और विश्व सरकार का और दक्षिण एशियाई संसदऔर दक्षिण एशियाई सरकार बनाने का प्रस्ताव पारित करवाया। यह प्रस्ताव अप्रैल 2024 में भारत सहित 192 देशों के राष्ट्रपतियों को 10 अप्रैल 2024 के प्रत्यावेदन के माध्यम से भेजा गया था। और 5 जुलाई 2024 के प्रत्यावेदन के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को पुनः स्मरण दिलाया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर 6 महीने के अंदरअंतर्राष्ट्रीय संधि करके विश्व सरकार का गठन दुनिया भर के देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं करते हैं तो संयुक्त राष्ट्र दिवस 24 अक्टूबर 2024 को भारत में विश्व सरकार की अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार बना दी जाएगी और यह माना जायेगा कि भारत सरकार की इस कदम के प्रति पूर्ण सहमति है। और इसी तारीख को दक्षिण एशियाई देशों के यूनियन के अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार का गठन भी कर दिया जाएगा। इस ऐतिहासिक घोषणा को आगामी 24 अक्टूबर को दिल्ली में करने का फैसला किया गया है।
24-25 अक्टूबर, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भागीदारी करें
लखनऊ में 11, 12 और 13 अगस्त, 2024 को आयोजित तीन दिवसीय चिंतन बैठक संपन्न हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि विश्व परिवर्तन मिशन अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक अधिकारों को दिलाने के लिए एक नए संगठन का गठन करेगा। इस संगठन का नाम होगा ग्लोबल एग्रीमेंट ऑन पार्टिसिपेशन एंड पीस। हिंदी में इस संगठन का नाम होगा- भागीदारी और शांति पर वैश्विक संधि। अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अंतरिम संसद और अंतरिम सरकारों के संचालन का काम यही संगठन करेगा। यूरोपीय यूनियन की तर्ज पर दक्षिण एशियाई देशों की और संपूर्ण विश्व की अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा 24 अक्टूबर के सम्मेलन में किया जाएगा। 24 अक्टूबर 2024 के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का निमंत्रण पत्र हासिल करके आप सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं और आप और आपके सहयोगी इस ऐतिहासिक मौके का गवाह बन सकते हैं। इस सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। निमंत्रण पत्र की प्रति को डाउनलोड करके प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजते हुए आप अपने संगठन की ओर से भी माननीय प्रधानमंत्री से निवेदन कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीयअधिकार
अंतर्राष्ट्रीय अधिकार नागरिकों के वे अधिकार हैं जिनकी रक्षा न्यूनतम दो राष्ट्र राज्यों द्वारा सामूहिक प्रयत्न से की जा सकती है। प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय अधिकारों की सूची विश्व परिवर्तन मिशन (एमजीसी) द्वारा 192 देशों के प्रमुखों और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रत्यावेदन के माध्यम से प्रस्तुत की गयी है।
वैश्विक अधिकार
वैश्विक अधिकारनागरिकों के वे अधिकार हैं जिनकी रक्षा विश्व के सभी राष्ट्रों के सामूहिक सहयोगसे ही संभव हो सकती है। प्रस्तावित वैश्विक अधिकारों की सूची विश्व परिवर्तन मिशन, एमजीसी द्वारा 192 देशों के प्रमुखों के समक्ष और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रत्यावेदन के माध्यम से प्रस्तुत की गयी है।
सांस्कृतिक राष्ट्रीयता की मुक्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधि
यह सर्व विदित है कि 1947 में भारत की सांस्कृतिक एकता को खंड-खंड करते हुए अंग्रेजों ने हमें जो भौगोलिक भारत सौंपा था। उस छोटे से भौगोलिक भारत की शीशी में विशाल सांस्कृतिक भारत की आत्मा का समा पाना संभव नहीं था। काया और आत्मा के इसी बेमेल रिश्ते के कारण लोगों को तमाम दुःख उठाने पड़ रहे हैं। इंटरनेट की खोज के कारण भारत की वैश्विक सस्कृति और वैश्विक राष्ट्रीयता का वृक्ष बहुत बड़ा हो चुका है। किंतु दुर्भाग्यवश भारत की सांस्कृतिक आत्मा को न तो ठीक से समझा गया और न तो भारत की सांस्कृतिक राष्ट्रीयता की मुक्ति के लिए वैश्विक कार्यक्रम ही चलाया गया।
अंतरिम संसद और सरकार बनाने का प्रस्ताव
विश्व परिवर्तन मिशन (मिशन फॉर ग्लोबल चेंज, एमजीसी) ने काठमांडू में आयोजित वर्ल्ड सोशल फोरम केअंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कुछ शर्तों पर दक्षिण एशियाई देशों और पूरी दुनिया केसंघ की अंतरिम संसद बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। दुनिया के सभी देशोंके नागरिकों को वैश्विक अधिकार प्रदान करने और उन अधिकारों की रक्षा करने के लिए विश्वपरिवर्तन मिशन दक्षिण एशियाई देशों के संघ की अंतरिम संसद का गठन करने और एकवैश्विक एजेंसी/संयुक्त राष्ट्रीय सरकार (यूएनजी) की अंतरिम संसद का गठन करने केलिए भी काम कर रही है। नियमों और शर्तों के आधार पर अंतरिम संसद के सदस्य के रूपमें शामिल होने के लिए संपर्क करें।
विश्व की और दक्षिण एशिया यूनियन की अंतरिम संसद का सदस्य बनें
यदि आप पहले से ही अंतरिम संसद और दक्षिण एशियाई देशों के संघ और दुनिया के सभी देशों के संघ की सरकार के गठन की उपयोगिता, आवश्यकता और व्यवहारिकता से आश्वस्त हैं। तो आप अंतरिम संसद में सदस्य के रूप में शामिल हो सकते हैं, दक्षिण एशियाई संघ की अंतरिम संसद या सरकार और दुनिया के सभी देशों के संघ यानी संयुक्त राष्ट्रीय सरकार, यूएनजी की अंतरिम संसद या सरकार में शामिल होना नियमों संविधान के आधार पर ही संभव है। आपसे अनुरोध है कि अंतरिम संसद में शामिल होने की अपनी इच्छा को व्यक्त करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म को भरके भेजने की कृपा करें या हमारे कार्यालय में फोन नंबर- +919811305324 या +919818433422 पर कॉल करके अग्रिम रूप से सूचित करें।
सेमिनार/कार्यशालाओं का आयोजन करें या उनमें शामिल हों
दक्षिण एशियाई देशों और पूरी दुनिया के देशों की संसद और सरकार की उपयोगिता, आवश्यकता और व्यवहारिकता का अध्ययन करने और समझने के लिए, आप अंग्रेजी और हिंदी में वीडियो देख सकते हैं. आप राजनीति में वैश्विक सुधारों के विषय पर साहित्य पढ़ सकते हैं। आप सेमिनार / कार्यशालाओं में शामिल हो सकते हैं जो भारत के विभिन्न राजधानी शहरों में समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं। आप स्वयं ऑनलाइन फॉर्म प्रस्तुत करके अपने शहर में अपनी टीम के खर्चों पर सेमिनार / कार्यशालाएं आयोजित कर सकते हैं। विषयवस्तु के विशेषज्ञ सेमिनार में शामिल होने वाले लोगों के सामने विषय को प्रस्तुत करने और संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आपके निमंत्रण पर पहुंचेंगे। आपसे अनुरोध है कि आप हमारे कार्यालय में फोन नंबर- +919811305324 या +919818433422 पर कॉल करके या ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से अपनी भागीदारी को अग्रिम रूप से सूचित करें।
अंतरिम संसद और दक्षिण एशियाई संघ और दुनिया की सरकार बनाने की पहल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मिशन फॉर ग्लोबल चेंज ने काठमांडू में आयोजित विश्व सामाजिक मंच के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दक्षिण एशियाई देशों और पूरे विश्व की अंतरिम संसद की कुछ शर्तों पर गठन करने का प्रस्ताव पारित किया है। लोगों के अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक अधिकारों को प्रदान करने और उनकी रक्षा करने के लिए, एमजीसी पारित संकल्प के अनुपालन के लिए अथक प्रयास कर रहा है। अभिनव विचार को देखते हुए, दक्षिण एशियाई देशों और पूरी दुनिया के सभी देशों की अंतरिम संसद और अंतरिम सरकार के गठन की पहल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक लंबी सूची है। यदि आप अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक संसद और सरकारों के गठन पीछे मौजूद राजनीतिक विचारधारा और दर्शन को विस्तार से जानना चाहते हैं तो आपको इन विषयों पर लिखे गए श्री विश्वात्मा के साहित्य का अध्ययन करना चाहिए और वीडियो देखना चाहिए।
संपर्क करें
कोई भी प्रश्न/सुझाव भेजने के लिए ईमेल के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकता है। केवल प्रासंगिक ईमेल का जवाब दिया जाएगा। आप शीध्र उत्तर चाहते हैं तो हमारे कार्यालय को फ़ोन- 9811305324, 9818433422 पर फ़ोन भी कर सकते है.